The Definitive Guide to sidh kunjika
Beneficial Energy: It tends to make the energy of the individual chanting it definitely favourable. This beneficial Strength alterations the overall aura of a person.
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा ॥ १२ ॥
श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम्
श्री महा लक्ष्मी अष्टोत्तर शत नामावलि
रात के समय ये पाठ ज्यादा फलदायी माना गया है.
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
గమనిక: శరన్నవరాత్రుల సందర్భంగా "శ్రీ లలితా స్తోత్రనిధి"
देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
श्रृणु देवि ! प्रवक्ष्यामि, कुंजिका स्तोत्रमुत्तमम्।
क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि शां शीं शूं मे शुभं कुरु ।।
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा ॥ ५ ॥
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
इसके प्रभाव से जातक उच्चाटन, वशीकरण, मारण, मोहन, check here स्तम्भन जैसी सिद्धि पाने में सफल होता है.